भारत की केंद्र सरकार ने आज षीतकालीन फसलों (Rabi crops) के लिए एक विशाल मूल्य समर्थन पैकेज (MSP / Price Support Package) मंज़ूर किया है, जिसकी राशि ₹84,263 करोड़ (लगभग $9.5 बिलियन) है। यह पैकेज अगले सत्र की फसल बुवाई से पहले किसानों को आर्थिक सुरक्षा देने तथा कृषि बाज़ारों को स्थिर बनाये रखने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
क्या है इस पैकेज का मकसद?
सरकार की मंशा है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित किया जाए ताकि उन्हें उत्पादन लागत से भी ऊपर लाभ मिले।
गरीब और मध्यम किसानों की राहत बढ़ाने के लिए यह कदम अहम माना जा रहा है।
इस वित्तीय सहायता से कृषि बाजारों में अस्थिरता कम होगी और सप्लाई-डिमांड का संतुलन बेहतर बन सकेगा।
पैकेज की विशेषताएँ और कवरेज
यह समर्थन पैकेज मुख्यतः शीतकालीन (Rabi) फसलों के लिए लागू होगा, जैसे कि गेहूँ, चना, सरसों आदि।
पैकेज की राशि ₹84,263 करोड़ है, जो किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए उपयोग की जाएगी।
इस कदम से यह संकेत मिलता है कि सरकार कृषि क्षेत्र में मजबूत हस्तक्षेप करने और किसानों को विश्वसनीय सहायता देने की नीति पर है।
संभावित असर व चुनौतियाँ
इस पैकेज से किसानों की आय में सुधार होगा और वे उत्पादन लागत को आराम से कवर कर सकेंगे।
लेकिन यह देखना होगा कि यह पैकेज ज़मीनी स्तर तक समय रहते पहुँच पाए या नहीं — डिस्बर्सल और लॉजिस्टिक चुनौती हो सकती है।
आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह पैकेज सरकारी खर्च बढ़ाएगा और बजट दबाव बढ़ा सकता है।
साथ ही, विभिन्न राज्यों में इस समर्थन राशि का वितरण और प्रशासनिक कामकाज सुचारू होना चाहिए ताकि इसका लाभ सीधे किसान तक पहुँचे।