नई दिल्ली | 10 अक्टूबर 2025 — भारत सरकार ने अपने पहले संयुक्त दीर्घकालिक LPG (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) आयात टेंडर की अवधि बढ़ाकर 17 अक्टूबर 2025 कर दी है। इस टेंडर में Indian Oil Corporation (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) शामिल हैं। यह टेंडर करीब 2 मिलियन टन LPG के वार्षिक आयात के लिए निकाला गया है।
✨ क्यों बढ़ाई गई समय-सीमा?
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस टेंडर के लिए कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने रुचि दिखाई थी लेकिन प्रस्ताव जमा करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की गई। इसी वजह से सरकार ने डेडलाइन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।
यह कदम भारत की ऊर्जा आपूर्ति को और मज़बूत बनाने और अमेरिकी ऊर्जा साझेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
🌍 भारत की रणनीति — अमेरिका से ऊर्जा आयात
भारत अब तक LPG के लिए अधिकतर सऊदी अरब और कतर जैसे मध्य-पूर्व देशों पर निर्भर रहा है। लेकिन मौजूदा परिस्थितियों और बदलते वैश्विक हालात को देखते हुए भारत अमेरिका को एक वैकल्पिक और मज़बूत आपूर्तिकर्ता के रूप में देख रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह रणनीति भारत को न केवल स्थिर ऊर्जा आपूर्ति देगी बल्कि कीमतों में स्थिरता और दीर्घकालिक अनुबंधों से उपभोक्ताओं को भी राहत मिल सकती है।
📊 घरेलू प्रभाव
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा LPG उपभोक्ता देश है, जहां लाखों घरों में LPG घरेलू ईंधन के रूप में इस्तेमाल होती है।
-
सरकार की योजना है कि उज्ज्वला योजना और अन्य सामाजिक योजनाओं के लिए LPG की लगातार सप्लाई बनी रहे।
-
LPG की पर्याप्त आपूर्ति से घरेलू बाजार में कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
🗣️ विशेषज्ञों की राय
ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका से LPG आयात का रास्ता खोलने से भारत के पास एक विविध आयात पोर्टफोलियो होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा —
“यह केवल ऊर्जा सुरक्षा का सवाल नहीं है बल्कि यह भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने का एक अहम कदम है। आने वाले समय में LNG और अन्य ऊर्जा क्षेत्रों में भी साझेदारी बढ़ सकती है।”
📌 आगे की राह
अब देखना होगा कि 17 अक्टूबर की नई डेडलाइन तक कितनी कंपनियाँ प्रस्ताव जमा करती हैं और भारत इस टेंडर के तहत किस कंपनी से समझौता करता है।