10 अक्टूबर 2025 | नई दिल्ली / मेलबर्न
भारत और ऑस्ट्रेलिया ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता मेलबर्न में आयोजित उच्च स्तरीय वार्ता के दौरान हुआ, जिसमें दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने भाग लिया।
समझौते की मुख्य बातें
🔹 दोनों देशों के बीच नियमित सैन्य वार्ता और रणनीतिक संवाद होंगे।
🔹 पनडुब्बी बचाव अभियानों और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
🔹 समुद्री सुरक्षा और साइबर डिफेंस के क्षेत्र में भी साझेदारी होगी।
🔹 रक्षा क्षेत्र में संयुक्त अभ्यासों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
Indo-Pacific रणनीति का अहम हिस्सा
यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की गतिविधियों को लेकर कई देशों ने चिंता जताई है। भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही क्वाड समूह (Quad: India, US, Japan, Australia) के अहम सदस्य हैं, और यह समझौता उस साझेदारी को और गहरा करेगा।
भारत के रक्षा मंत्री ने कहा कि यह समझौता "हमारे दोनों देशों के बीच भरोसा और सहयोग की नई मिसाल है। इससे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित होगी।"
वहीं ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री ने कहा कि "भारत और ऑस्ट्रेलिया की दोस्ती सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि रणनीतिक साझेदारी में भी लगातार बढ़ रही है। यह समझौता आने वाले वर्षों में दोनों देशों की सुरक्षा नीतियों को मजबूती देगा।"
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में मजबूत साझेदार देगा, जबकि ऑस्ट्रेलिया को एशिया में एक विश्वसनीय सहयोगी। इससे क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचा और अधिक संतुलित होगा।
📌 निष्कर्ष
भारत और ऑस्ट्रेलिया का यह सुरक्षा समझौता दोनों देशों की रणनीतिक प्राथमिकताओं को दर्शाता है। आने वाले समय में इससे सैन्य सहयोग, तकनीकी आदान-प्रदान और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में गहरे बदलाव देखने को मिलेंगे।