बिहार सरकार ने त्योहारों से पहले अपने लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी राहत दी है। हालिया कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने महंगाई भत्ता (DA) को 55% से बढ़ाकर 58% करने का फैसला किया। इस फैसले से लगभग 3.5 लाख कर्मचारियों और 6 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को सीधा फायदा मिलेगा।
कैबिनेट बैठक में लिए गए अहम फैसले
राज्य सरकार की बैठक में कुल 129 प्रस्तावों पर चर्चा की गई और उन्हें मंजूरी दी गई। इनमें से कुछ प्रमुख फैसले इस प्रकार हैं:
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DA वृद्धि – कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए DA 3% बढ़ाकर 58% किया गया।
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छात्रवृत्ति में बढ़ोतरी – विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति ₹1,800 से बढ़ाकर ₹3,600 कर दी गई।
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फिल्म एवं नाट्य संस्थान की स्थापना – बिहार में पहली बार “बिहार फिल्म एवं नाट्य संस्थान” स्थापित किया जाएगा ताकि कला और संस्कृति को बढ़ावा मिल सके।
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धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन – बिहार के धार्मिक स्थलों को और आकर्षक बनाने के लिए विशेष बजट मंजूर किया गया।
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शिक्षा क्षेत्र में निवेश – ग्रामीण क्षेत्रों में नए विद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों को विकसित करने का निर्णय लिया गया।
त्योहारों से पहले राहत
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यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राज्यभर में दशहरा, दिवाली और छठ जैसे बड़े त्योहार आने वाले हैं।
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सरकार का कहना है कि इस निर्णय से कर्मचारियों और पेंशनर्स की क्रय क्षमता बढ़ेगी और त्योहारों पर उनकी जेब थोड़ी हल्की नहीं होगी।
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साथ ही, छात्रवृत्ति बढ़ने से लाखों गरीब और मध्यमवर्गीय विद्यार्थियों को पढ़ाई में राहत मिलेगी।
आर्थिक प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से राज्य सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। अनुमान है कि DA बढ़ोतरी और छात्रवृत्ति खर्च मिलाकर सरकार को सालाना ₹1,200 करोड़ का अतिरिक्त बोझ उठाना होगा।
हालांकि, सरकार का कहना है कि यह पैसा सामाजिक न्याय और कर्मचारी कल्याण की दिशा में निवेश है, जिससे दीर्घकालिक फायदा होगा।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने इस फैसले का स्वागत तो किया, लेकिन साथ ही यह भी सवाल उठाया कि यह बढ़ोतरी “बहुत कम” है और महंगाई की असली दर को कवर नहीं करती।
वहीं, कर्मचारी संगठनों ने इसे “आधा अधूरा कदम” बताया और मांग की कि DA को कम से कम 65% तक बढ़ाया जाए।
जनता का नजरिया
पटनावासियों का कहना है कि यह एक “अच्छा कदम” है क्योंकि महंगाई लगातार बढ़ रही है। वहीं, छात्रों ने छात्रवृत्ति बढ़ाने के फैसले को सराहा है।