नई दिल्ली | 8 अक्टूबर 2025 —
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आज एक बड़े और अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसने माइनर्स, विदेशी नागरिकों और आम लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार बनाया था। इस ऑपरेशन में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और लगभग 45 अन्य की पहचान की गई है।
🔎 कैसे हुआ भंडाफोड़?
-
यह कार्रवाई Interpol के ऑपरेशन Haechi-VI के तहत की गई।
-
आरोपियों ने फर्जी तकनीकी सपोर्ट, रोमांस-स्कैम, निवेश धोखाधड़ी आदि तरीकों का उपयोग किया।
-
उन्होंने अमेरिका और जर्मनी के नागरिकों को निशाना बनाया और “डिजिटल गिरफ्तारी” का झांसा देकर उनसे राशि वसूली।
-
संचालन के दौरान $66,000 नकदी, 30 खाते फ्रीज किए गए और कॉल सेंटर्स दिल्ली, अमृतसर व सिलिगुड़ी से जब्त किए गए।
👥 गिरफ्तारी और जांच
-
गिरफ्तार आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया गया।
-
जांच एजेंसियाँ अब डिजिटल साक्ष्यों, बैंक ट्रांज़ैक्शन और दूरसंचार रिकॉर्ड्स की गहन जांच कर रही हैं।
-
ऑपरेशन के तहत लगभग 40 स्थानों पर तलाशी ली गई है — दिल्ली NCR, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, केरल और पश्चिम बंगाल में।
🌐 अंतरराष्ट्रीय सहयोग और असर
-
इस अभियान में FBI, US DOJ और जर्मन एजेंसियों ने CBI के सहयोग में मदद की।
-
यह कार्रवाई यह संदेश देती है कि भारत साइबर अपराध के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुस्तैद है।
📝 निष्कर्ष
इस ऑपरेशन ने यह प्रमाणित कर दिया है कि साइबर अपराध अब सिर्फ स्थानीय समस्या नहीं बल्कि वैश्विक स्तर की चुनौती बन चुका है। अभियुक्तों के खिलाफ कठोर कार्रवाई और डिजिटल सुरक्षा नियमों में सुधार की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण है।