💊 Eli Lilly करेगी भारत में $1 बिलियन से अधिक निवेश, फार्मा सेक्टर को मिलेगी नई उड़ान

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर 2025 – अमेरिकी दवा कंपनी Eli Lilly & Co. ने सोमवार को घोषणा की कि वह भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का विस्तार करने के लिए $1 बिलियन से अधिक का निवेश करेगी। इस कदम को भारत के फार्मास्युटिकल उद्योग और वैश्विक स्वास्थ्य सप्लाई चेन दोनों के लिए एक बड़ा मील का पत्थर माना जा रहा है।


🏭 निवेश का मुख्य उद्देश्य

Eli Lilly का कहना है कि इस निवेश का मकसद भारत को फार्मा मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है।

  • नई यूनिट्स के ज़रिए भारत में दवाओं के उत्पादन में 30% तक बढ़ोतरी होने की संभावना है।

  • इससे कंपनी अपने एशियाई और अफ्रीकी मार्केट्स की ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम होगी।

  • घरेलू स्तर पर सस्ती और उपलब्ध दवाओं के विकल्प भी बढ़ेंगे।


🤝 भारत-अमेरिका साझेदारी में नया अध्याय

विशेषज्ञों का कहना है कि Eli Lilly का यह निर्णय केवल एक कारोबारी निवेश नहीं है, बल्कि यह भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को भी गहरा करेगा।

  • भारत पहले से ही जेनेरिक दवाओं का एक प्रमुख निर्यातक है।

  • अमेरिका और यूरोप की दवा कंपनियाँ अब भारत में लंबी अवधि के निवेश को लेकर ज्यादा भरोसा दिखा रही हैं।

  • यह कदम वैश्विक दवा सप्लाई चेन को चीन पर निर्भरता से हटाकर भारत की ओर शिफ्ट करने का भी संकेत देता है।


👩‍⚕️ रोजगार और अनुसंधान को बढ़ावा

इस निवेश से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है।

  • नई मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों में उत्पादन, पैकेजिंग और सप्लाई चेन से जुड़े हजारों जॉब्स पैदा होंगे।

  • Eli Lilly ने यह भी ऐलान किया है कि वह भारत में R&D (Research & Development) केंद्र स्थापित करेगी, जहां नई दवाओं और इलाज के तरीकों पर शोध होगा।


🌐 भारत की वैश्विक स्थिति पर असर

भारत पहले से ही "फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड" कहलाता है।

  • इस निवेश के बाद भारत की स्थिति और मज़बूत होगी।

  • निर्यात में बढ़ोतरी से आने वाले 5 वर्षों में $10 बिलियन से अधिक विदेशी मुद्रा आय का अनुमान है।

  • विशेषज्ञों के मुताबिक, यह निवेश भारत की हेल्थकेयर इकॉनमी को अगले दशक में तेज़ रफ्तार वृद्धि की दिशा में ले जाएगा।


⚠️ चुनौतियाँ भी कम नहीं

हालांकि निवेश का असर सकारात्मक है, लेकिन चुनौतियाँ भी सामने हैं:

  • दवाओं की गुणवत्ता नियंत्रण और नियामकीय मानक सख्ती से पालन करने होंगे।

  • सप्लाई चेन और कच्चे माल की लागत में पारदर्शिता ज़रूरी होगी।

  • भारतीय फार्मा कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि विदेशी निवेश से घरेलू उद्योग प्रभावित न हो।


📌 निष्कर्ष

Eli Lilly का भारत में $1 बिलियन से अधिक का निवेश एक तरफ़ जहां भारतीय दवा उद्योग को नई ऊँचाई देगा, वहीं यह कदम भारत की अर्थव्यवस्था और वैश्विक स्वास्थ्य सप्लाई चेन दोनों के लिए ऐतिहासिक बदलाव साबित हो सकता है।