वित्त मंत्रालय ने कहा — भारतीय अर्थव्यवस्था मज़बूत है, लेकिन आत्मसंतुष्टि की गुंजाइश नहीं

वित्त मंत्री नर्मला सीतारमण ने आज एक सत्र में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों के बीच भी मजबूत बनी हुई है, लेकिन इस बात का संकेत भी दिया कि “अतिसंतोष की स्थिति” असुरक्षा ला सकती है।
उन्होंने कहा कि घरेलू उपभोग और निवेश मजबूत स्तंभ हैं जिनके कारण बाहरी झटकों का प्रभाव सीमित हो रहा है।


अनजान जोखिम भी सामने

मंत्री ने यह भी चेतावनी दी कि जब तक दुनिया में व्यापार तनाव और शुल्क (tariff) विवाद बने हुए हैं, तब तक अर्थव्यवस्था को सतर्क रहना चाहिए।
उदाहरणस्वरूप, अमेरिका ने भारतीय वस्त्रों, रसायनों व चमड़े के निर्यात पर शुल्क को 50% तक दुगना करने की योजना बनाई है, जो भारतीय निर्यात को प्रभावित कर सकती है।


सरकार का जवाब: इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च बढ़ाना

इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने ₹11.21 ट्रिलियन (11,21,000 करोड़) का रिकॉर्ड अवसंरचना निवेश योजना पेश की है, ताकि उत्पादन और रोड़-रेल नेटवर्क में बुनियादी सुधार हो सके।
इसके अलावा, मॉडलों का अनुमान है कि वर्ष 2025-26 में GDP वृद्धि लगभग 6.8% हो सकती है।


क्या सावधानी बरतनी होगी?

  • निर्यात सेक्टर को ध्यान देना होगा क्योंकि शुल्क वृद्धि का दबाव है

  • बजट प्रबंधन को मजबूत रखना होगा ताकि विकास योजनाएँ स्थिर रहें

  • निवेशकों का भरोसा बनाए रखना महत्वपूर्ण है